इस लेख में, हम contribution of 10 Scientists in NCERT book of Class 10 पर चर्चा करेंगे। इस लेख में हम केवल कक्षा 10 की विज्ञान की पुस्तक में दिए गए प्रमुख वैज्ञानिकों के योगदान की ही चर्चा करेंगे|आप contribution of 10 scientists in English भी पढ़ सकते हैं |
हालाँकि इन वैज्ञानिकों का योगदान अधिक विस्तृत हो सकता है लेकिन हम केवल विज्ञान की किताब में दिए गए योगदान की ही चर्चा करेंगे|
Table of Contents
Contribution of any 10 Scientists in NCERT book of Class 10
NCERT की 10वीं कक्षा की पुस्तक में दिए गए 10 वैज्ञानिक निम्नलिखित हैं
1. Johann Wolfgang Dobereiner जोहान वोल्फगैंग डोबेराइनर
- John Alexander Reina Newlands जे. ए.आर.न्युलेंड्स
- Dmitri Ivanovich Mendeleev दिमित्री इवानोविच मेंडेलीव
- Henery Gwyn Jeffreys Moseley हेनेरी जी.जे. मोजले
- Gregor John Mendel ग्रेगर जॉन मेंडल
- Charles Darwin चार्ल्स डार्विन
- J.B.S. Halden जे.बी.एस. हाल्डेन
- Michael Faraday माइकल फैराडे
- Hans Christian Orested हेंस क्रिश्चियन ओरेस्टेड
- John Ambrose Fleming जॉन एम्ब्रोस फ्लेमिंग
अब हम इन वैज्ञानिकों के योगदान पर उनके परिचय के साथ चर्चा करेंगे contribution of 10 Scientists in NCERT book of Class 10 in Hindi आपके लिए बेहद उपयोगी रहेगा|
Johann Wolfgang Dobereiner (जे. डब्ल्यू .डोबेराइनर )
जन्म – Dec.13,1780
मृत्यु – March 24,1849
देश – Germany
Introduction & Contribution
- डोबेरिनर एक रसायनशास्त्री थे|
- उन्होंने जर्मनी में एक फार्मासिस्ट की पढ़ाई की।
- उन्होंने स्ट्रासबर्ग में रसायन विज्ञान का भी अध्ययन किया।
- वह जेना विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान और फार्मेसी के प्रोफेसर बन गए।
- उन्होंने उत्प्रेरक के रूप में प्लैटिनम पर पहला अवलोकन(observation) किया।
- उन्होंने समान गुणों वाले तत्वों को समूहों में व्यवस्थित करने की कोशिश की।
- उन्होंने तीन तत्वों के साथ कुछ समूह बनाए। उन्होंने इन समूहों को ‘त्रिक ‘ कहा।
- उन्होंने परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम में तीन तत्वों को व्यवस्थित किया।
- उन्होंने पाया कि मध्य तत्व का परमाणु द्रव्यमान अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान का औसत था।
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डोबेराइनरके बारे में आप अध्याय 5 तत्वों का वर्गीकरण का भी अध्ययन कर सकते हैं |
John Alexander Reina Newlands(जे.ए.आर.न्युलेंड्स )
जन्म – Nov. 26,1837
मृत्यु – July 29, 1898
देश – London(England)
Introduction & Contribution
- वह एक अंग्रेज रसायनशास्त्री थे।
- उन्होंने तत्वों के गुणों पर भी काम किया।
- इन्होने परमाणु द्रव्यमान के बढते हुए क्रम में तत्वों को व्यवस्थित किया।
- उन्होंने हाइड्रोजन (सबसे कम परमाणु द्रव्यमान) के साथ शुरुआत की और थोरियम के साथ समाप्त हुआ।
- सारणी में, उन्होंने पाया कि प्रत्येक 8 वें तत्व के गुण प्रथम तत्व के समान गुण थे।
- उन्होंने इसकी तुलना संगीत के सात सुरों’ से की और उन्होंने ‘अष्टक का नियम ‘ दिया।
Dmitri Ivanovich Mendeleev(मेंडेलीव )
जन्म – Feb. 8, 1834
मृत्यु – Feb 2, 1907
देश – Tobolsk, Western Siberia (Russia)
Introduction & Contribution
- उन्होंने परमाणु द्रव्यमान और तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुणों के बीच संबंधों की जांच की।
- उस समय 63 तत्वों को ज्ञात थे |
- उन्होंने एक आवर्त सारणी बनाई और परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम के आधार पर तत्वों को व्यवस्थित किया।
- उन्होंने तत्वों द्वारा बनाए जाने वाले हाइड्राइड और ऑक्साइड के सूत्रों को ‘आधारभूत गुण’ के रूप में माना
- उन्होंने आवर्त नियम दिया – ‘तत्वों के गुण उनके परमाणु द्रव्यमान का आवर्ती फलन होते हैं।
- उनके योगदान की सराहना की गई।
Henery Gwyn Jeffreys Moesley(हेनरी जी.जे. मोजले )
जन्म -Nov. 23,1887
मृत्यु – Aug. 10 1915
देश – England
Introduction & Contribution
- ये एक अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी थे।
- परमाणु संख्या की रासायनिक अवधारणा में उनका योगदान आधुनिक आवर्त सारणी की ओर ले जाता है।
- उन्होंने ‘परमाणु संख्या’ को तत्व का एक आधारभूत गुण माना।
- उन्होंने और उनके साथियों ने परमाणु संख्या के बढ़ते क्रम के आधार पर तत्वों की व्यवस्थित किया।
- आधुनिक आवर्त सारणी परमाणु संख्या के आधार पर तैयार की गई थी।
- आधुनिक आवर्त नियम– तत्वों के गुण उनकी परमाणु संख्या के आवर्ती फलन हैं।
John Mendel(जॉन मेंडल)
जन्म – July 20,1822
मृत्यु – Jan 6, 1884
देश – Austria
Introduction & Contribution
- आनुवांशिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के कारण उन्हें ‘आनुवांशिकी के जनक ‘ के रूप में जाना जाता है।
- वह एक प्रकृति विज्ञानी, जीवविज्ञानी, गणितज्ञ थे।
- उन्होंने मटर के पौधे (Pisum sativum) पर कृत्रिम परागण प्रयोग (संकरण) किया।
- उन्हें बगीचे मटर के पौधे में 34 विपर्यासी लक्षणों को पाया।
- उन्होंने अपने प्रयोगों के लिए 34 में से 7 लक्षणों का चयन किया।
- उन्होंने एक संकर संकरण और द्वि संकर संकरण प्रयोगों किये।
- उन्होंने ‘आनुवांशिकता के नियमों ‘ का प्रतिपादन किया।
- उन्होंने ‘प्रभावी लक्षण’ और ‘अप्रभावी लक्षण’ के बारे में बताया|
- एक संकर संकरण पर आधारित आनुवांशिकता के नियम – (i) प्रभाविता का नियम (ii) युग्मकों के पृथक्करण या शुद्धता का नियम
- द्वि संकर संकरण पर आधारित आनुवांशिकता के नियम – स्वतंत्र अप्व्युहन का नियम ।
Charles Darwin(चार्ल्स डार्विन )
जन्म – Feb. 12, 1809
मृत्यु – April 19,1882
देश – England
Introduction & Contribution
- चार्ल्स डार्विन एक अंग्रेजी प्रकृतिवादी थे और उन्हें ‘जैव विकास के जनक ‘ के रूप में जाना जाता था।
- उन्होंने जीवित प्राणियों और प्रजातियों की और लाखों साल पहले उपस्थित ( उनमें से कुछ विलुप्त हो गए) से सम्बन्ध बताया किया|
- प्राकृतिक चयन (Natural selection)के उनके सिद्धांत ने नई प्रजातियों के उत्पति की व्याख्या दी।
- प्राकृतिक चयन के अपने सिद्धांत में, उन्होंने समझाया कि विभिन्न प्रजातियां बदलते पर्यावरण से अनुकूलन स्थापित करने की अपनी क्षमता के कारण एक ही प्रजाति से उत्पन्न हुईं।
- उन्होंने ‘Origin of species’ नामक एक पुस्तक में जैव विकास के अपने सिद्धांत को प्रकाशित किया। उन्होंने बताया कि जीवन की सभी प्रजातियां एक ही पूर्वजों से उत्पन्न हुई हैं।
J.B.S. Halden(जे.बी.एस.हाल्डेन)
जन्म – Nov. 5, 1892
मृत्यु – Dec. 1, 1964
देश – Oxfordshire England
Introduction & Contribution
- वह एक ब्रिटिश आनुवंशिकीविद्, मनोविज्ञानी और बायोमीट्रिक्स थे।
- वह बाद में भारत के नागरिक बन गए ।
- उन्होंने सुझाव दिया कि पृथ्वी पर मौजूद सरल अकार्बनिक अणुओं से जीवन विकसित हुआ है |
- उन्होंने बताया किया कि पृथ्वी पर उस समय परिस्थितियां वैसी नहीं थीं जैसी हम आज देखते हैं।
- उन्होंने कहा कि जटिल कार्बनिक अणु अकार्बनिक अणुओं से बने थे और फिर उन पदार्थों के रासायनिक संश्लेषण से आदिम जीव उत्पन्न हुए।
Michael Faraday(माइकल फेराडे)
जन्म – Sept. 22 ,1791
मृत्यु – Aug. 25, 1876
देश – Middlesex , England
Introduction & Contribution
- वह एक प्रयोगात्मक भौतिक विज्ञानी थे।
- उन्होंने विद्युत चुम्बकीय प्रेरण और विद्युत अपघटन , द्विचुम्बकीय के नियमों की खोज की।
- उन्होंने विद्युत चुम्बकीय घूर्णन करने वाले उपकरणों का आविष्कार किया जो विद्युत मोटर के निर्माण का आधार बने।
- विद्युत चुम्बकीय प्रेरण – वह प्रक्रिया जिसमे एक चालक के परिवर्ती चुमब्कीय क्षेत्र के कारण अन्य चालक में विद्युत धारा उत्पन्न होती है, विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहलाता है।
Hans Christian Orsted(एच.सी. ओरेस्टेड)
जन्म – Aug. 14, 1777
मृत्यु – March 9,1851
देश – Denmark – Norway
Introduction & Contribution
- वह एक प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी थे।
- उन्होंने पाया कि एक चालक तार जिसमें विध्यूट धारा प्रवाहित हो रही थी के पास रखी कम्पास सुई में विक्षेपण हुआ|
- उन्होंने इस अवलोकन के आधार पर विद्युत धारा और चुंबकत्व के बीच संबंध स्थापित किया।
- उनका शोध रेडियो, टेलीविजन, फाइबर ऑप्टिक्स जैसी प्रौद्योगिकियों का आधार बन गया।
John Ambrose Fleming(जे.ए. फ्लेमिंग )
जन्म – Nov.28, 1849
मृत्यु – April 18,1945
देश – England
Introduction & Contribution
- वह एक अंग्रेज इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और भौतिक विज्ञानी थे।
- उन्होंने पहले थर्मोनिक वाल्व या वैक्यूम ट्यूब, रेडियो ट्रांसमीटर का आविष्कार किया।
- उन्होंने प्रयोगों के आधार पर नियम दिए – (i) बाएं हाथ का नियम (ii) दाहिने हाथ का नियम
- बायां हाथ का नियम– इस नियम के अनुसार, जब बाएं हाथ के अंगूठे, तर्जनी और मध्य उंगली को इस तरह से फैलाया जाता है कि वे एक-दूसरे के लंबवत हों, तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में इंगित करती है और मध्य उंगली धारा की दिशा में इंगित करती है तो अंगूठा गति की दिशा में इंगित करेगा या चालक पर कार्य करने वाले बल को दर्शाता है|
- दाहिने हाथ का नियम – इस नियम के अनुसार, जब दाहिने हाथ के अंगूठे, तर्जनी और मध्य उंगली को फैलाया जाता है ताकि वे एक-दूसरे के लंबवत हों, यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को इंगित करती है और अंगूठा कंडक्टर की गति की दिशा दिखाता है तो मध्य उंगली प्रेरित धारा की दिशा दर्शाती है । इसलिए इस नियम का उपयोग प्रेरित धारा की दिशा ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
इस लेख में contribution of 10 Scientists in NCERT book of Class 10 इन हिन्दी दिया गया यह कक्षा 10 की NCERT पुस्तक में 10 वैज्ञानिकों के योगदान के बारे में संक्षिप्त लेख है।विस्तार से जानने के लिए आप contribution of 10 Scientists in NCERT book of Class 10 को पढ़ सकते हैं|